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Friday, December 9, 2011

श्रद्धांजलि - डॉ.संध्या गुप्ता

अनुराधा जी की टिप्पणी से इस दुखद समाचार की जानकारी मिली। स्तब्ध हूँ, पर बताना ज़रूरी समझता हूँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति और परिवार को शक्ति दे!
डॉ. संध्या गुप्ता की बीमारी की खबर मुझे कुछ समय पहले मिली थी। इस सिलसिले में मैंने उन्हें ब्लॉग के जरिए संदेश भेजा, पर जबाव अभई तक नहीं आया। लेकिन जागरण- याहू न्यूज पर यह खबर अभी देखी तो शेयर कर रही हूं- बुरी खबर है
"नहीं रही डॉ.संध्या गुप्ता, शोक में डूबा विश्वविद्यालय"
लिंक यह रहा।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_8465580.html

उनका जाना सदमे से कम नहीं है। दो साल पहले ही उनसे दिल्ली में मुलाकात हुई थी, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार समारोह में।

ज्यादा कहा नहीं जा रहा। उनसे फिर बात न कर पाने का अफसोस रहेगा।
(आर. अनुराधा)

डॉ. सन्ध्या गुप्ता
सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.संध्या गुप्ता अब इस दुनियां में नहीं रही। पिछले कई माह से बीमार चल रही डॉ.गुप्ता ने गुजरात के गांधी नगर में आठ नवम्बर 2011 को सदा के लिए आंखें मूंद ली हैं। वह अपने पीछे पति सहित एक पुत्र व एक पुत्री को छोड़ गयी है। पुत्र प्रो.पीयूष यहां एसपी कॉलेज में अंग्रेजी विभाग के व्याख्याता है। उनके आकस्मिक निधन पर विश्वविद्यालय परिवार ने गहरा दुख प्रकट किया है। प्रतिकुलपति डॉ.प्रमोदिनी हांसदा ने 56 वर्षीय डॉ.गुप्ता के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि दुमका से बाहर रहने की वजह से आखिरी समय में उनसे कुछ कहा नहीं जा सका इसका उन्हें सदा गम रहेगा। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि हिंदी जगत ने एक अनमोल सितारा खो दिया है।

डॉ.गुप्ता को उनकी काव्यकृति 'बना लिया मैंने भी घोंसला' के लिए मैथिलीशरण गुप्त विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया था।
मित्रों, एकाएक मेरा विलगाव आपलोगों को नागवार लग रहा है, किन्तु शायद आपको यह पता नहीं है की मैं पिछले कई महीनो से जीवन के लिए मृत्यु से जूझ रही हूँ । अचानक जीभ में गंभीर संक्रमण हो जाने के कारन यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जीवन का चिराग जलता रहा तो फिर खिलने - मिलने का क्रम जारी रहेगा। बहरहाल, सबकी खुशियों के लिए प्रार्थना।
(सन्ध्या जी की अंतिम पोस्ट से)

विनम्र श्रद्धांजलि!

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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* नहीं रही डॉ.संध्या गुप्ता, शोक में डूबा विश्वविद्यालय
* क्या आपको कुछ पता है?
* फिर मिलेंगे - सन्ध्या जी की अंतिम पोस्ट
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Thursday, October 13, 2011

क्या आपको कुछ पता है?

छः जून की उनके ब्लॉग की पोस्ट में उंगलियों में दर्द की चिंता व्यक्त की गयी थी। उन्हें यद्यपि ज्योतिष के सहारे का विश्वास भी था। फिर भी, जिन्हें विश्वास हो उनके लिये भी ज्योतिष चिकित्सा का स्थान तो नहीं ले सकता है। उन्होंने लिखा था:
उनके आश्वासन से मै फिर से डाक्तर के पास जाने से रुक गयी और एक देसी इलाज शुरू किया, डरी इस लिये भी थी कि पहले एक अंगूठे मे इसी प्राब्लम के चलते उसका टेंडर कटवाना पडा था।उस देसी दवा से ही ठीक हुयी हूँ लेकिन कुछ दिन स्प्लिन्ट जरूर बान्धना पडा। बेशक ज्योतिश आपकी समस्या हल नही कर देता लेकिन कई बार ऐसे आश्वासन से आशा सी बन जाती है और आशा ही जीवन है। इतने दिनो पढा सब को लेकिन कुछ कह नही पाई लिख नही पाई। अब भी अधिक देर लिखने से अँगुली दुखने लगती है लेकिन ये भी ठीक हो जायेगी कुछ दिन मे ।
निर्मला कपिला जी
इसके बाद उनकी दो प्रविष्टियाँ और आयीं और अब दो मास से अधिक बीत जाने पर भी कोई अपडेट नहीं है। जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ, खुशमिजाज़ ब्लॉगर, कवयित्री, कथाकार श्रीमती निर्मला कपिला की| आशा है कि वे ठीक होंगी, फिर भी चिंता है।

जिस प्रकार निर्मला जी के बारे में चिंतित हूँ, लगभग उसी प्रकार भावों से भरपूर कविता रचने वाली सन्ध्या गुप्ता जी की पिछली (दो महीने पुरानी) पोस्ट में भी उनकी गम्भीर बीमारी के बारे में चिंतातुर करने वाला निम्न सन्देश था:

मित्रों, एकाएक मेरा विलगाव आपलोगों को नागवार लग रहा है, किन्तु शायद आपको यह पता नहीं है की मैं पिछले कई महीनो से जीवन के लिए मृत्यु से जूझ रही हूँ । अचानक जीभ में गंभीर संक्रमण हो जाने के कारन यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जीवन का चिराग जलता रहा तो फिर खिलने - मिलने का क्रम जारी रहेगा। बहरहाल, सबकी खुशियों के लिए प्रार्थना।
डॉ. सन्ध्या गुप्ता
मैं जानता हूँ कि हम भारतीय लोग बहुत भावुक होते हैं और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना निभाते हुए तुरंत हिल मिल जाते हैं। रेल का सफ़र हो या बस का, मंज़िल आने तक सम्पर्क सूत्रों का आदान-प्रदान हो ही जाता है। हिन्दी ब्लॉग जगत में भी भाई बहन से लेकर सास-ननद तक बहुत से रिश्ते जोड़े गये हैं, बहुत अच्छी बात है। आभासी रिश्ते जोड़ें न जोड़ें, परंतु यदि हम एक दूसरे की हारी-बीमारी में हाल पता कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर किसी काम आ सकें तो मेहरबानी होगी। मेरे पास इन दोनों ही का सम्पर्क नम्बर नहीं है, बस ईमेल पता है सो किया मगर उसका कोई उत्तर नहीं मिला। यदि आप में से किसी को इन दोनों की खैरियत के बारे में जानकारी हो तो कृपया अवश्य दें। यदि आपके पास उनका या किसी परिवारजन का फ़ोन नम्बर हो तो बात करने का प्रयास कीजिये, यदि कोई निकट रहता हो तो मिल ही लीजिये। बस यही मेरा निवेदन है।

धन्यवाद व शुभकामनायें!

[दोनों चित्र रिस्पेक्टिव ब्लॉग प्रोफ़ाइल्स से]
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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* वीरबहूटी - निर्मला जी का ब्लॉग
* फिर मिलेंगे - सन्ध्या जी की पोस्ट
* श्रद्धांजलि - नहीं रही डॉ.संध्या गुप्ता
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