Showing posts with label मॉरिशस. Show all posts
Showing posts with label मॉरिशस. Show all posts

Monday, October 9, 2017

एक नज़र - कविता

(अनुराग शर्मा)

हर खुशी ऐसे बच निकलती है
रेत मुट्ठी से ज्यूँ फिसलती है

ये जहाँ आईना मेरे मन का
अपनी हस्ती यूँ ही सिमटती है

बात किस्मत की न करो यारों
उसकी मेरी कभी न पटती है

दिल तेरे आगे खोलता हूँ जब
दूरी बढ़ती हुई सी लगती है

धर्म खतरे में हो नहीं सकता
चोट तो मजहबों पे पड़ती है

सर्वव्यापी में सब हैं सिमटे हुए
छाँव पर रोशनी से डरती है।



साक्षात्कार: अनुराग शर्मा और डॉ. विनय गुदारी - मॉरिशस टीवी - 13 सितम्बर 2017