Thursday, December 31, 2015

2016 की शुभकामनायें! कविता

चित्र व शब्द: अनुराग शर्मा

बीतते हुए वर्ष की
अंतिम रात्रि
यूँ लगती है
जैसे अंतिम क्षण
किसी जाते हुए  
अपने के
साथ तो हैं पर
साथ की खुशी नहीं
जाने का गम है
सच पूछो तो
यही क्या कम है!
नववर्ष 2016 आप सबके जीवन में सफलता, समृद्धि और खुशियाँ बढ़ाये